Monday, February 23, 2009

81st Academy Awards for me

आज बहुत मुश्किल हो रहा था ये निश्चित करना की मैं हिन्दी में लिखु या इंग्लिश में...अन्तःता जब चुनाव करना मुश्किल हुआ तो मैंने हिन्दी को ही चुना..सिर्फ़ इसलिए नही कि हिन्दी में मेरी अभिव्यक्ति निखर कर आती है ..पर शायद इसलिए भी क्योंकि कही न कही आज 81st ऑस्कर समारोह में अल्ला रख्खा (ऐ र) रहमान को "जय हो" गाते देख अपने हिंदुस्तान के लिए १ अद्भुत गौरव की अनिभूति हो रही थी, और हिन्दी उस गौरवशाली पल की अभिव्यक्ति का माध्यम थी...प्रतीक थी. ये पहली बार था की जब कोडेक थियेटर के इतिहास ने अपने सभाग्रह में हिन्दी को जगह दी .. "जय हो" हिन्दी और हिंदुस्तान दोनों की जयकार था. इस गौरव की सीमा को हर वो इन्सान महसूस कर पायेगा जिसे Seattle Airport (या कही और भी) पर "स्वागतम" लिखा देख कौतुहल होता है, जिसे इंग्लिश मानस "नमस्ते" कहते हुए भाता है, जिसके अन्दर अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा UN में दिए हिन्दी भाषण के लिए आदर भावः आता है..आज slum dog millionaire और smiling pinki नए प्रतीक है भारत को मिल रही मान्यता के. हलाकि ये सच है की कही न कही इस पल तक पहुचने का माध्यम इंग्लिश ही थी. पर ये विशुद्ध व्यावहारिकता है उदारीकरण और Global Village के दौर में. हमारा लक्ष्य भारत को विश्व समुदाय के आगे स्वीकार्यता दिलाना है ...और निछ्चय ही हिन्दी का "जय हो" वो प्रतीक बन कर उभरा है. अगली बार जब भी मै los angeles के कोडेक थियेटर जाऊंगा तो वहां की दीवार पर नये नाम slum dog millionaire को देख १ सुखद अनभूति होगी..जो मेरे पिछली बार के कोडेक थियेटर के अनुभव से निश्चय ही अलग होगा... और चेहरे पर १ मुस्कान होगी "जय हो हिंदुस्तान" के लिए.

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