Frieday - June 28, 2008
दो योद्धा!!!
आज भी रोज मर्रा की तरह ही दिन की शुरुआत हुई थी. मैं आज भी अपनी भूख को शांत करने की कोशिश में था, जी हाँ वही खबरों की भूख. पता नही कहा जाकर अंत है इस भूख का, शायद किसी दिन ख़ुद ख़बर बन जाने की चाहत हो :) आज बहुत सारी खबरों से होता हुआ मैं अचानक रुक गया...२ बड़ी खबरे थी आज...१ दूर हिन्दुश्तान से...जहाँ से सिर्फ़ मे दूर हूँ...दिल नही...तो दूसरी सिर्फ़ 15 मील दूर से. बात सैम मानेकशा की थी, आजाद भारत का सबसे बहादुर सिपाही, भारत को १९७१ की लडाई में जीत दिलाने वाला बहादुर, सैम बहादुर!!! (बीबीसी News Former army chief Sam Manekshaw, who led India to victory in १९७१ war, dies). ख़बर आ रही थी सैम नही रहे, दूसरी ख़बर थी माइक्रोसॉफ्ट के जन्मदाता बिल गेट्स की जो १ सादे समारोह मे आज से माइक्रोसॉफ्ट से सेवा निवृत हो रहे थे. बात दो योध्याओ की है...दुनिया के दो कोनो से आ रही ये खबरे मन को भाभुक कर रही थी. हिन्दुश्तान के सारे समाचार चेंनल और अखबारों में सैम के किस्से आ रहे थे, इस बहादुर ने ७१ की लडाई मे कैसे पाकिस्तान के ९४००० सेनिको को आत्म समर्पण करने बार बाध्य कर दिया था. दूसरी तरफ़ गेट्स साहेब ने १ सपना देखा था, हर घर मे कंप्यूटर का..और उस असंभव को भी पूरा कर दिखाया.
पर इस सब के बाद जो सबसे बड़ा अफ्शोश, झोभ और दुःख कही हो रहा था, वो उस ख़बर पर की....सैम बहादुर की मौत भी भारत के नायको को उसके जनाजे तक न ला पाई. उस दिन ऊटी जहाँ उसका अन्तिम संस्कार हो रहा था न तो भारत की राष्ट्रपति आई, न ही प्रधानमंत्री और ना ही रक्षा मंत्री या सेना के कोई भी सेना अध्यक्ष. शायद विदेशो मे सेर मानाने वाले हमारे नेताओ को ऊटी अब रास नही आता... जी हाँ हम उसी देश के १ सैनिक को भूल गए ...जहाँ अभी कुछ दिन पहले ही क्रिकेट का 1983 वर्ल्ड कप जीतने वालो को २५-२५ लाख के चेक बाँट कर धन्यवाद दे रहे थे. १ सैनिक का कद कितना छोटा कर दिया है गया...
खैर जो भी बात हो इन् दोनों ही शख्सियतों पर फक्र हो रहा है...वो कही भी रहे...काम से दूर या दुनिया से दूर ....उनके बारे मे सोच कर मन मे बस श्रधा भाव आ जाता है.......इन् दोनों को ही शत शत नमन. ....